वैश्वीकरण क्या है ? What Is Globalisation in hindi

वैश्वीकरण क्या है ? What Is Globalisation in hindi

उदारीकरण और निजीकरण के साथ-साथ वैश्वीकरण शब्द का प्रयोग अभी पिछले कुछ वर्षों से होने लगा है। वैश्वीकरण की अवधारणा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलू शामिल होते हैं। लेकिन, यहां हम वैश्वीकरण की अवधारणा को उसके आर्थिक पहलू की दृष्टि से ही समझने का प्रयास करेंगे।

वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय या एक ही करण किया जाता है ताकि वस्तुओं एवं सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूंजी और श्रम या मानवीय पूंजी का भी निर्बाध प्रवाह हो सके। 
वैश्वीकरण के अंतर्गत पूंजी, वस्तु तथा प्रौद्योगिकी का निर्बाध रूप से एक देश से दूसरे देश में प्रवाह होता है। इसको स्पष्ट करते हुए ब्रैंको मिलनोविक (Branko Milnovic) ने कहा है - "वैश्वीकरण का अर्थ पूंजी, वस्तु, प्रौद्योगिकी एवं लोगोंं का विचार का स्वतंत्र प्रवाह होताा है। कोई भी ऐसा वैश्वीकरण आंशिक ही माना जाएगा जिसमें मानवीय संपदा केे प्रवाह में रुकावट आए।"

(Globalisation Means Free Movement of Capital, Goods, Technology, Ideas And People. Any Globalisation That Omits The Last one Is Partial And Not Sustainable)

अर्थात वैश्वीकरण के अंतर्गत वस्तुओं के साथ-साथ पूंजी, तकनीक एवं सेवाओं का भी एक देश से दूसरे देश के बीच बिना किसी रुकावट के प्रवाह होता है।

वैश्वीकरण के कारण ही विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं, पूंजी और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है। दुनिया के देश एवं लोग एक दूसरे के अपेक्षाकृत अधिक संपर्क में आए हैं।

दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि वैश्वीकरण; निजीकरण तथा उदारीकरण की नीतियों का परिणाम है-

निजीकरण (Privatisation): निजीकरण का अभिप्राय, निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप सेे या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंध करना है।
आर्थिक सुधारों के अंतर्गत भारत सरकार ने सन 1991 से निजीकरण की नीति अपनाई।

उदारीकरण (Liberalisation): उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों जैसे - लाइसेंस, कोटा आदि को हटाना है। 
आर्थिक सुधारों के अंतर्गत सन 1991 से भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनाई।

वैश्वीकरण (Globalisation): निजीकरण और उदारीकरण की नीति की परिणति वैैश्वीकरण के रूप में विश्व के सामने आई है।

...✍️ मनीष झा

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