शिक्षक दिवस पर भाषण | शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में | शिक्षक दिवस पर कविता | शिक्षक दिवस पर हास्य कविता । शिक्षक दिवस पर शायरी

शिक्षक दिवस पर भाषण | शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में |


शिक्षक हमारे जीवन में एक ऐसा व्यक्ति होते हैं जो हमारे अंधकारी जीवन को प्रकाशमय बनाते हैं।


जैसे कि हम लोगों को पता है कि इस वर्ष 2021 में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने वाला है। इसीलिए मैं आप सभी के लिए शिक्षक दिवस पर 200 शब्दों में भाषण तथा निबंध लेकर आया हूं जिसे आप पढ़ कर काफी सारी जानकारियां एकत्रित कर सकते हैं तथा अपने स्कूल कॉलेजों या अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भाषण आसानी से दे सकते हैं।

शिक्षकों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान होता है इसी योगदान को जानने के लिए आप नीचे दिया गया भाषण या निबंध को पढ़ सकते हैं।


शिक्षक दिवस पर भाषण | शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में |

आदरणीय शिक्षकगण,‌ अतिथिगण एवं मेरे प्यारे दोस्तों ! आप लोगों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

जैसा कि हम लोगों को पता है आज 5 सितंबर है और यह दिन हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है।

यह दिन पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

शिक्षक को समाज तथा राष्ट्र निर्माता का दर्जा दिया गया है. हमारे देश में शिक्षा के प्रणालियां विकसित होकर बदलती गई पर आज भी शिक्षकों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

जीवन के विभिन्न मोड़ पर हमें अलग-अलग शिक्षकों की आवश्यकता पड़ती है।

हमारे संस्कृति में भगवान माने जाने वाले राम और कृष्ण के भी गुरु थे इसीलिए शिक्षक दिवस मनाने के पूर्व भी और आज भी गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है।


यूनेस्को के द्वारा विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को मनाया जाता है जबकि भारत में यह प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है।


आमतौर पर हम यह समझते हैं कि जो हमें पढ़ाते हैं वह शिक्षक होते हैं. यह बात सही है लेकिन इसके साथ ही जो भी कुछ हम किसी से सीखते हैं या किसी से शिक्षा ग्रहण करते हैं वह भी हमारे शिक्षक होते हैं। इसीलिए शिक्षकों का हमें सदा आदर करना चाहिए उन्हें सम्मान देना चाहिए।


हमारे संस्कृति में शिक्षक के लिए गुरु शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका विश्लेषण करने पर जो अर्थ सामने निकल कर आता है वह है अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला।

अर्थात जीवन में शिक्षक की एक ऐसे व्यक्ति होते हैं जो हमारे अंधकारी जीवन को प्रकाशमय बनाते हैं।


हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 ई० में हुआ।

वह एक आदर्श शिक्षक थे। जब उनके कुछ मित्र तथा कुछ छात्र उनके जन्मदिन को मनाने की इच्छा जताई तो उन्होंने कहा कि ज्यादा अच्छा होगा कि हमारे जन्मदिवस को यानी कि 5 सितंबर को प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए। 

तभी से यह शिक्षकों को सम्मान देने की प्रक्रिया तथा यह दिवस प्रचलित हुआ।

इस दिन स्कूल कॉलेजों तथा शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक दिवस पर भाषण प्रतियोगिता होती है। सभी छात्र अपने शिक्षा को सम्मानित करने के लिए विशेष शुभकामनाएं देते हैं। सभी शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।


हमारे समाज में शिक्षकों को माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। एक तरफ जहां हमारे माता-पिता हमें जन्म देते हैं तो वहीं शिक्षक हमारे जीवन को आकार प्रदान करते हैं।

शिक्षक हमेशा हमें गाइड करते हैं, प्रेरणा देते हैं तथा समाज में एक अच्छे नागरिक बनाते हैं।


शिक्षक हमारे जीवन में एक नींव की तरह होती है।

जिस तरीके से एक सुदृढ़ भवन तैयार करने के लिए एक पक्की नींव की जरूरत पड़ती है। ठीक उसी प्रकार हमें एक सफल व्यक्ति बनने के लिए शिक्षक रूपी नींव की आवश्यकता पड़ती है।

क्योंकि शिक्षक हर एक बच्चे के जीवन में ज्ञान तथा शिक्षा की नींव रखते हैं, वे उन सभी चीजों के लिए आभार तथा सम्मान के पात्र हैं जो वे निस्वार्थ भाव से करते आ रहे हैं।

मैं सभी छात्रों की ओर से आपको बताना चाहता हूं कि आप ताकत के प्रतीक हैं और समर्थन के स्तंभ हैं। 

मैं जितना भी कहूं कम है। आपके सहयोग ने हमें वह बना दिया जो हम आज हैं। इसीलिए मैं सभी साथी छात्रों की ओर से आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। 


इसी के साथ एक बार फिर आप सभी को शिक्षक दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं।

बहुत-बहुत धन्यवाद!


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तो दोस्तों उम्मीद करूंगा यह पोस्ट तथा यह निबंध आपको काफी पसंद आई होगी अगर आपको यहां समझने में कहीं भी दिक्कत हो तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप हमें बता सकते हैं।

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...✍️ मनिष झा



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