Bank कितने प्रकार से जमा राशि स्वीकार करते हैं How Commercial Banks Accept Deposits Types of Loans In India

Bank कितने प्रकार से जमा राशि स्वीकार करते हैं
How Commercial Banks Accept Deposits


व्यवसायिक बैंकों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य अपने ग्राहकों से जमा के रूप में मुद्रा प्राप्त करना है। समाज में अधिकांश व्यक्ति अथवा संस्था अपनी आय का एक अंश बचाकर रखते हैं। अधिकांश लोग अपनी बचत को चोरी हो जाने के भय से अथवा ब्याज कमाने के उद्देश्य से किसी बैंक में ही जमा करते हैं।

बैंक के लिए भी इस प्रकार का जमा विशेष महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी के आधार पर कर्ज देकर वे अपने लाभ का एक प्रमुख भाग प्राप्त करते हैं।

व्यवसायिक बैंकों के कार्य
Work Of Commercial Banks

1. जमा राशि को स्वीकार करना (Accepting Deposits)

2. ऋण प्रदान करना (Providing Loans)

3. सामान्य उपयोगिता संबंधित कार्य (General Utility Functions)

4. एजेंसी संबंधित कार्य (Agency Functions)

Bank कितने प्रकार से जमा राशि स्वीकार करते हैं
How Commercial Banks Accept Deposits

1. स्थाई जमा (Fixed Deposits, FD): स्थाई जमा खाते में रूपया एक निश्चित अवधि जैसे 1 वर्ष या इससे अधिक के लिए भी जमा किए जाते हैं। इस निश्चित अवधि के अंदर साधारणतया यह रकम नहीं निकाली जा सकती है। इस प्रकार के जमा को सावधि जमा (Time Deposit) भी कहा जाता है।

इस अवधि के अंदर जमा किए गए राशि पर बैंक आकर्षक ब्याज भी देते हैं।

2. चालू जमा (Current Deposit): चालू जमा खाते में रुपया जमा करने वाला अपनी इच्छानुसार रुपया जमा करता है अथवा निकाल सकता है।‌ इसमें किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहता है। सामान्यतः इस प्रकार का जमा व्यापारियों तथा बड़ी-बड़ी संस्थााओं के लिए विशेष सुविधाजनक होती है। इससे मांग जमा (Demand Deposit) भी कहते हैं।

3. संचयी जमा  (Saving Deposit ): इस प्रकार के खाते में रुपए जमा करने वाला जब चाहे रुपया जमा कर सकता है, किंतु रुपया निकालने का अधिकार सीमित रहता है, वह भी एक निश्चित रकम से अधिक नहीं। इसमें चेक की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

4. आवर्ती जमा (Recurring Deposit): इस प्रकार के खाते में व्यवसायिक बैंक साधारणतया अपने ग्राहकों से प्रतिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में एक निश्चित अवधि जैसे 60 माह या 72 माह के लिए ग्रहण करता है और इसके बाद एक निश्चित रकम भी देता है। इसी प्रकार का एक अन्य जमा संचयी समयवधि जमा (Cumulative Time) भी होता है।

5. ऋण प्रदान करना (Providing Loans): व्यवसायिक बैंक का दूसरा मुख्य कार्य लोगों को ऋण प्रदान करना है। बैंक के पास जो रूपया जमा के रूप में आता है, उसमें से एक निश्चित राशि नगद कोष में रखकर बाकी रुपया बैंक द्वारा दूसरे व्यक्तियों को उधार दे दिया जाता है। यह बैैंक प्रायः उत्पादक कार्योंं के लिए ऋण देते हैं तथा उचित जमानत ( Security) की मांग करते हैं। ऋण की रकम प्रायः जमानत के मूल्य से कम होती है।


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...✍️ मनीष झा

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