भौतिकी विद्युत वर्ग 10 के Notes हिंदी माध्यम में

 भौतिकी विद्युत वर्ग 10 के Notes हिंदी माध्यम में


🛑 आवेश के व्यवस्थित प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।

🛑 एकांत (इकाई) धन आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किए गए कार्य को उस बिंदु पर विद्युत विभव कहते हैं। विभव का SI मात्रक वोल्ट (V) है। [1V=1J/1C.]

🛑 दो बिंदुओं के बीच विभवांतर इनके बीच निम्न विभव से उच्च विभव तक एकांक धन आवेश को ले जाने में किया गया कार्य है। इसका भी SI मात्रक वोल्ट ही होता है।


🛑 किसी चालक से प्रवाहित धारा की प्रबलता उस चालक के अनुप्रस्थ काट से होकर एकांक समय में प्रवाहित आवेश का परिमाण है। 

🛑 विद्युत धारा का SI मात्रक एंपियर है।

🛑 ऐमीटर से परिपथ की विद्युत धारा मापी जाती है। यह परिपथ में श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है।

🛑 वोल्ट मीटर से परिपथ के किन्ही दो बिंदुओं के बीच उत्पन्न विभवांतर को मापते हैं। यह उस भाग के समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।

🛑 यदि किसी चालक कार में विभवांतर V के कारण विद्युत धारा i प्रवाहित हो, तो V और i के अनुपात V/i को उस तार का प्रतिरोध R कहा जाता है। अर्थात, R=V/i. 

🛑 प्रतिरोध का SI मात्रक ओम है। 1ओम = 1V/A

🛑 यदि किसी चालक के ताप में परिवर्तन ना हो, तो उसमें प्रवाहित धारा उसके शेरों के बीच आरोपित विभवांतर के समानुपाती होता है। इसे ओम का नियम कहते हैं।

🛑 बहुत कम प्रतिरोध वाले पदार्थों को जिनमें से आवेश आसानी से प्रवाहित होता है, चालक कहा जाता है।

🛑 उच्च प्रतिरोध वाले पदार्थों को प्रतिरोधक कहा जाता है।

🛑 बहुत ही अधिक प्रतिरोध वाले पदार्थों को जिनसे आवेश प्रवाहित नहीं हो पाता, विद्युत रोधी कहते हैं।

🛑 श्रेणी क्रम में जुड़े प्रतिरोधों का समतुल्य प्रतिरोध उन प्रतिरोधकों के अलग-अलग प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है। अर्थात, R= R1+R2+R3+.....

🛑 पार्श्व क्रम या समांतर क्रम में जुड़े प्रतिरोधकों के समतुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम उन सभी प्रतिरोधकों के अलग-अलग प्रतिरोधों के व्युत्क्रम के योग के बराबर होता है।

अर्थात, 1/R = 1/R1+1/R2+1/R3+...

🛑 किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न ऊष्मा का परिमाण उसके द्वारा चालक के प्रतिरोध के विरुद्ध किए गए कुल कार्य के बराबर होता है।

🛑 किसी चालक में t समय में उसके प्रतिरोध R को पार करने में विद्युत धारा I द्वारा किया गया कार्य उसमें आंतरिक उर्जा के रूप में संचित हो जाता है। 

संचित आंतरिक ऊर्जा U = I²Rt

🛑 किसी विद्युत परिपथ में विद्युत ऊर्जा के व्यय की दर को उस परिपथ की विद्युत शक्ति कहते हैं।

🛑 विद्युत शक्ति का SI मात्रक वाट है, जिससे संकेत अक्षर W से सूचित किया जाता है। 1W= 1VA.

🛑 विद्युत ताप युक्तियों में उच्च प्रतिरोध के तार का उपयोग होता है जिससे उनमें विद्युत धारा प्रवाहित होने पर अधिक परिमाण में ऊष्मा उत्पन्न हो सके।

🛑 मकानों आदि में विद्युत ऊर्जा की खपत की माप के लिए जूल J एक छोटा मात्रक है। इसके लिए साधारणतः किलो वाट घंटा का उपयोग किया जाता है।

इसे संक्षेप में kWh से सूचित करते हैं। 1kWh=3.6x10^6 J

🛑 बिजली के उपकरणों की सुरक्षा के लिए फ्यूज का उपयोग किया जाता है। फ्यूज के तार ऐसे पदार्थ से बने होते हैं जिनकी प्रतिरोधकता अधिक होती है और गलनांक कम होती है।

🛑 विद्युत ताप युक्तियों तथा उपस्करों में नाइक्रोम के तार की कुंडली का व्यवहार होता है, क्योंकि नाइक्रोम की प्रतिरोधकता और गलनांक दोनों उच्च होते हैं।

🛑 विद्युत बल्ब में टंगस्टन धातु के तंतु या फिलामेंट का व्यवहार होता है, क्योंकि टंगस्टन की प्रतिरोधकता कम होती है और गलनांक अत्यधिक उच्च होता है।



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